हैलो भाइयों बहनों, नमस्कार, मैं इरफ़ान आज आपके साथ हूँ भी और नहीं भी...
कई बार कुछ कलाकार हीरोगीरी वाली लाइन पार करके आपके दिल में उतर जाते हैं. इतना उतर जाते हैं कि आप उनके डायलॉग रोजाना अपनी भाषा में इस्तेमाल करने लगते हैं और इरफ़ान हमारे लिए तुम वही थे. दुनिया के लिए रहे होंगे बहुत बड़े अभिनेता जिसने हॉलीवुड की फिल्मों में भी काम किया था लेकिन मेरे लिए "पान सिंह तोमर" के सूबेदार चचा थे. वही सूबेदार चचा जो कहते हैं कि "अंग्रेज भगे मुल्क से, पंडिज्जी परधानमंत्री बने और नव भारत के निर्माण के संगे-संगे हमाओ भी निर्माण शुरू भओ". आज सूबेदार चचा चले गए तो उनका ही एक डायलॉग याद रह गया जिसमे वो कहते हैं कि "जे बात को जवाब कौन देगा दद्दा, हम ऊपर आकर भी जवाब लेंगे". तुम वही कहते थे जो हमें सुनना था- तुम्हारे डायलॉग बर्फ की पहाड़ियों में खड़े किसी अभिनेत्री के साथ नहीं थे. बल्कि बीहड़ में घूम रहे एक बागी के डायलॉग थे जिन्हे सुनकर लगता था यार क्या ही बोल गया. ये तो मतलब मजा आ गया. चाहे बात हासिल के रणविजय सिंह की हो या फिर हिंदी मीडियम में साडी बेच रहे उस दुकानदार की, हर बार तुमने दिल जीता है. अब तुम्हारे चले जाने पर तरह-तरह के बयान आएँगे। ल...