आकाशदीप शुक्ला से अस्तित्व तक पहुंचने का आधार है 'आखर'
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आकाश दीप शुक्ला यूँ तो पेशे से पत्रकार हैं, लेकिन साहित्य के गलियों में भी उनकी चर्चा आम है. यहां उनकी पहचान अस्तित्व के तौर पर है. अस्तित्व के नाम से लिखने वाले लेखक की किताब 'आखर' ने पाठकों को खूब लुभाया. विश्व पुस्तक मेले से लेकर सोशल मीडिया तक आज आकाश की पहचान 'अस्तित्व' में बदल चुकी है. हर वर्ग की उम्र के इस पसंदीदा लेखक ने लोगों के साथ जुड़कर एक नयी दिशा को अस्तित्व दिया. यूपी के रहने वाले आकाश ने एक बातचीत के दौरान अपनी इन दो पहचानों के बारे में बात की. नज्म, शायरी और गजलों को कहने सुनने वाले आकाश यानी कि अस्तित्व एक कहानीकार भी हैं. उनकी लिखी कई कहानियां ना सिर्फ फिल्म बनकर सामने आयीं बल्कि कई मौकों पर सुनाई भी गयीं. अस्तित्व कहते हैं कि कहानीकार होना उनके लिए सम्पूर्णता का भाव है. बतौर पत्रकार जहां उन्हें अनगिनत कहानियां मिलती हैं वहीं उनके भीतर का एक सजीदा आदमी उन्हीं कहानियों को संजोता रहता है. ऐसे में कई बार उनके लिए एक पत्रकार और एक कहानीकार होना मुश्किल भी हो जाता है. अस्तित्व से एक बातचीत में उन्होंने बताया कि बतौर पत्रकार वो कई दफा ऐसी कहा...