आकाशदीप शुक्ला से अस्तित्व तक पहुंचने का आधार है 'आखर'
नज्म, शायरी और गजलों को कहने सुनने वाले आकाश यानी कि अस्तित्व एक कहानीकार भी हैं. उनकी लिखी कई कहानियां ना सिर्फ फिल्म बनकर सामने आयीं बल्कि कई मौकों पर सुनाई भी गयीं. अस्तित्व कहते हैं कि कहानीकार होना उनके लिए सम्पूर्णता का भाव है. बतौर पत्रकार जहां उन्हें अनगिनत कहानियां मिलती हैं वहीं उनके भीतर का एक सजीदा आदमी उन्हीं कहानियों को संजोता रहता है.
ऐसे में कई बार उनके लिए एक पत्रकार और एक कहानीकार होना मुश्किल भी हो जाता है. अस्तित्व से एक बातचीत में उन्होंने बताया कि बतौर पत्रकार वो कई दफा ऐसी कहानियों से गुजरते हैं जिन्हें लोग अनसुना ही करना चाहेंगे, लेकिन उन्होंने उससे गुजरना होता है. ऐसे में कई बार वो खबर करते हुए एक कहानीकार भी हो जाते हैं.
अस्तित्व कहते हैं कि अपने इन दोनों रूप को मैनेज करना भी कहानी है. उन्होंने कहा कि किसी भी सूरत में एक लेखक का लिखा उसको पढ़ने वाले से जोड़ देने वाला पुल होना चाहिए. वो लिखा हुआ उसके जीवन से जुड़ जाए तो समझिये कि किसी भी लेखक का लिखना सफल है. अस्तित्व मानते हैं कि एक पत्रकार से एक लेखक होने के बीच जो पुल है वो उनकी पहली किताब ही है. जिसके बाद उन्हें किसी को यह बताना नहीं पड़ा कि अस्तित्व कौन है, क्या है. अस्तित्व ना सिर्फ कहानियां लिखते हैं बल्कि उन्हें सुनाते भी हैं. सोशल मीडिया से लेकर तमाम प्लेटफॉर्म पर उनके ऑडियो मौजूद हैं.
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