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Showing posts from March, 2020

अभी नहीं तो कब सुधरोगे बिहार वालों?

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वर्तमान में सबसे ज्यादा लट्ठ बजाने की जरूरत बिहार में है। आज भी गांधी सेतु पर दरभंगा, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर आदि जगह जाने वाली बसों में खचाखच भीड़ है। लोग बस की छतों पर बैठकर सफर कर रहे हैं। ये ऐसे लोग हैं जो दिहाड़ी मजदूरी करते हैं और इसी जानबूझकर आस में अभी तक पटना में बैठे थे कि ये तामझाम एक दो दिन में खत्म हो जाएगा तो हम काम कर सकेंगे। जब बिहार लॉकडाउन हुआ तब जाकर समझ में आया कि अब कोई चारा नहीं है। अब बोरिया बिस्तर समेटकर घर पहुंचने नहीं भाग ने की फिराक में एक का तीन गुणा भाड़ा देकर घर जा रहे हैं। इन्होंने ये स्थिति जान बूझकर बनाई है। वैसे अमूमन दरभंगा जाने में 200-300 रुपये लगते हैं लेकिन वर्तमान में 600-700 रुपये देकर लोग घर जा रहे हैं। दुःख इस बात का है कि पिछले 10 दिनों से सूचना दी जा रही है कि ज्यादा से ज्यादा खुद को बचाने की कोशिश करें फिर भी ये लोग नहीं मान रहे हैं। शायद इन लोगों को इस बात का अंदाजा नहीं है कि अगर ये महामारी गांव तक पहुंच गया तो स्थिति कितनी विकट होगी। वैसे भी स्वास्थ्य सेवा के मामले में बिहार फिसड्डी है। लोग अच्छे डॉक्टर से दिखाने के बजाय

गंगा को लेकर स्वामी शिवानंद ने शुरू लिया अनशन

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दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर गंगा रक्षा को लेकर चल रहे अनशन की शुरुआत डेढ़ साल पहले हुई थी। इस कड़ी की शुरुआत ब्रह्मलीन प्रोफेसर ज्ञान स्वरूप सानंद ने की थी। मुझे याद है 9 अक्टूबर 2019 को मैं हरिद्वार गया था और रात मैं ज्वालापुर मेरे मित्र (हिमांशु भट्ट) के यहां रुका था। सुबह अचानक पता चला कि आश्रम पर पुलिस तैनात हो गई है और सानंद जी को AIIMS ऋषिकेश भेजने की तैयारी हो रही है। उन्हें भर्ती कराया गया। अनशन तोड़ने के लिए कई बार फ़ोर्स फीडिंग कराई गई। उनकी मौत के बाद क्रमिक अनशन चल ही रहा है। यहां तक कि इसके लिए प्रयागराज के कुंभ में भी जाकर अनशन किया गया था। वर्तमान में ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद ने दिल्ली एम्स से लौटकर 40वें दिन अपना अनशन समाप्त कर दिया है। इसके साथ ही साध्वी पद्मावती का अनशन 88वें दिन भी दिल्ली एम्स में जारी है।   राज्य में डबल इंजन की सरकार है। केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक हरिद्वार से सांसद हैं। राज्य में शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक हरिद्वार से विधायक हैं। फिर भी इस मुद्दे पर दोनों पक्षों में सहमति नहीं बन पा रही है। पहले तो कोई बात करने भी नहीं आय