Posts

Showing posts from May, 2019

वो अनकही बातें हो कभी कह नहीं पाया

Image
तकलीफें बहुत सी रही है जिंदगी में। कुछ को हँस कर काट लेते हैं और कुछ को संघर्ष में। तुमको जाने देना भी बहुत तकलीफदेह था। मगर तकलीफों को सहन करना पड़ता है। उस दिन भी यही किया था। काश! तुम देख पाती, समझ पाती कि अपने ही हाथों से अपनी क़ीमती चीज को तोड़ देना कितना दुःखद होता है। ये ठीक उसी तरह था जैसे आसमान में इकलौती पतंग आपकी उड़ रही हो और आप उसकी डोर अपने ही हाथों से तोड़ दें, हवा में बह जाने के लिए। उस दिन तुम्हारे सवाल का जवाब "हाँ" में देना था। मगर दिया कुछ और गया था। तुमसे मोहब्बत के सारे सबूत, सारी भावनाएं चेहरे पर से मिटा दी गयी थीं। वो खोखली मुस्कान,जो चेहरे पर तैर रही थी, उसको पढ़ने भी नही दिया तुमको। ये बहुत मुश्किल था,मगर ये करने का निर्णय बहुत दृढ़ था। तुम जा रही थी, और मैं देख रहा था। कई बार रोकना चाहा, कई बार सोचा कि तुम्हारा नाम पुकार कर बुला लूँ वापस और समेट लूँ तुम्हे अपनी बाहों की कैद में। मगर मेरे लिए ये मुमकिन न था उस दिन। तुम्हें जाने देना ही मेरी मोहब्बत की जीत थी और न मैं खुद हारना चाहता था और न ही तुमको हारने देना चाहता था। बेईमानी, कभी-कभी रिश