सूर्यनमस्कार द्वारा करें सूरज का वंदना और अभिवादन


सूर्य नमस्कार शरीर का पूर्ण व्यायाम कहा जाता है। योग विशेषज्ञ कहते हैं कि सूर्य नमस्कार के 12 सेट 12 से 15 मिनट में 288 शक्तिशाली योग आसनों के समान है। जिनके पास समय की कमी है, स्वस्थ अनुभव करना चाहते हैं पर जानते नहीं कैसे करें। सूर्य नमस्कार के जगत में उनका स्वागत है। सूर्य नमस्कार 12 आसनों का एक क्रम है। सूर्य नमस्कार की सबसे अच्छी बात यह है कि जो लोग समय की कमी के कारण योग न कर पाने की शिकायत करते हैं, उनके व्यस्त समय में भी यह आसानी से बैठ जाता है। सूर्य नमस्कार के 12 सेट यदि सुबह के समय त्वरित गति से किया जाए तो एक अच्छा कार्डीओवैस्कुलर व्यायाम है। यदि इसी को धीमी गति से किया जाए तो ये आसन मांसपेशिओं को सुडौल बनाने वाले हो जाते हैं। सुबह व्यायाम की शुरूआत अंगो को हल्के फुल्के खिचाव से शरीर की अकड़न निकाल कर सूर्य नमस्कार के कुछ सेट करें जिससे शरीर का लचीलापन बढ़ता है और शरीर को गहन योग आसनों के लिये तैयार भी करता है।

सूर्य नमस्कार का नियमित अभ्यास शरीर के विभिन्न अंगों को अनोखे लाभ प्रदान करता है। ये योग आसन हृदय, आंत, पेट, छाती, गला और पैर व शरीर के सभी अंगों पर गहरा प्रभाव डालते हैं यह रक्त को शुद्ध करता है, शरीर में रक्त संचार भी बढ़ाता है। और साथ ही पेट व नाड़ियों के उचित कार्य को सुनिश्चित करता है। सूर्य नमस्कार शरीर के मूलभूत तत्वों के संतुलन अर्थात वात, पित्त व कफ के संतुलन में भी सहयोग देता है। 


सूर्य नमस्कार के एक चक्र में 12 आसन होते हैं, और एक सेट में 2 चक्र, पहले शरीर के दाहिने ओर के अंगों का खिंचाव और फिर दूसरे चक्र में बांयी तरफ। इसलिए जब आप 12 सेट सूर्य नमस्कार करते हैं तो आप करीब 288 आसन वो भी सिर्फ 12 से 15 मिनटों में कर लेते हैं। एक सामान्य भारतीय व्यक्ति के लिए एक सूर्य नमस्कार के समय 13 से 19 कैलोरी ऊर्जा का उपयोग होता है। अपने विद्यालय के दिनों के उन पाठों को याद करें कि सूर्य किस प्रकार पृथ्वी पर जीवन का कारण है। बालपन में हमने सीखा कि किस तरह यह आग का गोला हमारे जीवन के लिए अनिवार्य है, सूर्य हमारे लिए अंधेरा दूर करता है, सृष्टि में जीवन का संचार करता है। अब हमारी बारी है अपने नजदीकी तारे को धन्यवाद देने का। 

सूर्य नमस्कार हमें अवसर प्रदान करता है कि हम सूर्य के प्रति अपनी कृतज्ञता की अभिव्यक्ति के साथ सम्पूर्ण शरीर का व्यायाम करने का एक सुंदर तरीका है। आपको बस अपने योग के आसने को बिछाना है और एक आसन से दूसरे आसन में मुस्कराते हुए और शरीर में होने वाले खिंचाव का लुुफ्त उठाते हुए प्रवाहित होना है। सूर्य नमस्कार के अनुभव को और पवित्र और सुखद करने के लिए सूर्य के प्रति कृतज्ञता का भाव और जोड़ें। अब आप एक निरोगी काया और शांत मन के धनी व्यक्तित्व की ओर बढ़ रहे हैं।

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