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Showing posts from May, 2017

सिविल सर्विस का रिजल्ट घोषित, टॉपर नंदिनी ने कहा- लड़की-लड़के में फर्क न करें

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यूपीएससी (केंद्रीय लोक सेवा आयोग) ने सिविल सर्विस परीक्षा 2016 का फाइनल रिजल्ट घोषित कर दिया. इस परीक्षा में कर्नाटक की नंदिनी केआर ने टॉप किया. रिजल्ट से बेहद खुश नंदिनी ने बताया कि वह हमेशा आईएएस बनना चाहती थीं. नंदिन ने वैकल्पिक विषय के तौर पर कन्नड़ साहित्य का एग्जाम दिया था. उन्होंने बेंगलुरु के एम. एस. रमैया इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी से सिविल इंजिनियरिंग में बीई की डिग्री हासिल की थी. आईआरएस ऑफिसर नंदिनी का यह चौथा प्रयास था. टॉप 25 में 7 लडकियों ने मारी बाजी  टॉप 25 उम्मीदवारों में 18 लड़के और 7 लड़कियां हैं. दूसरे नंबर पर अनमोल सिंह बेदी ने बाजी मारी है.  अनमोल ने BITS, पिलानी से कंप्यूटर साइंस में बीई किया है.  तीसरे नंबर पर गोपालकृष्ण रोनांकी का नाम है.  और चौथे पायदान पर भी लड़की ने पकड़ बनाई है. सौम्या पांडे का चौथा नंबर आया है. दोस्तों ने बनाया था मजाक बिगत एक सप्ताह से नंदिनी केआर अपने दोस्तों के सामने मज़ाक का पात्र थी. उन्हें बार-बार चिढ़ाया जा रहा था कि इस बार की सिविल सेवा परीक्षा को वो ही टॉप करेंगी. लेकिन जो बात उनके दोस्त मज़ाक में कह र

आखिर क्यों बदल रहा है यु पी का सियासी माहौल

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पिछले कुछ दिनों में यु पी का माहौल ऐसा बन गया है कि पूरे राज्य में एक जनक्रांति का माहौल बन गया है. वह सहारनपुर हिंसा हो या जेवर गैंग रेप कांड इन सभी मामलो ने यु पी की दशा दिशा बदल कर रख   दिया है. योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद यु पी में जिस तरीके से बदलाव आये है वह राज्य के लिए अच्छी ख़बर है. लेकिन इन दिनों कुछ ऐसे भी घटनाएँ हुए हैं जिसने राज्य ही नहीं पूरे देश को हिला कर रख दिया है. हाल ही पिछले दिनों हुए सहारनपुर हिंसा में दर्जनों घरों को बर्बाद कर दिया. बुरी तरीके से लोगों को भेड़ बकरी की तरह काटा गया. हजारों लोगों को बेघर होना पड़ा. जगह जगह गाड़ी जला दिए गए, सड़कें जाम कर दिया गया. माहौल इस तरीके से बिगड़ चुका था कि संभालना मुश्किल था. इसी बीच भीम आर्मी पता नही कहां से वहां के दलितों के उत्थान के लिए आ गयी. इससे पहले इस भीम आर्मी का कोई अता पता नहीं था.  पता नहीं जब भी कोई दलित के खिलाफ जुर्म होता है तब कोई न कोई नया प्रेशर ग्रुप दलितों के उत्थान के लिए, उनकी आवाज को सरकार तक पहुँचाने के लिए आ जाती है. ऐसा माहौल बना देते है कि भारत में दलितों पर लगातार