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हैलो भाइयों बहनों, नमस्कार, मैं इरफ़ान आज आपके साथ हूँ भी और नहीं भी...

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कई बार कुछ कलाकार हीरोगीरी वाली लाइन पार करके आपके दिल में उतर जाते हैं. इतना उतर जाते हैं कि आप उनके डायलॉग रोजाना अपनी भाषा में इस्तेमाल करने लगते हैं और इरफ़ान हमारे लिए तुम वही थे. दुनिया के लिए रहे होंगे बहुत बड़े अभिनेता जिसने हॉलीवुड की फिल्मों में भी काम किया था लेकिन मेरे लिए "पान सिंह तोमर" के सूबेदार चचा थे. वही सूबेदार चचा जो कहते हैं कि "अंग्रेज भगे मुल्क से, पंडिज्जी परधानमंत्री बने और नव भारत के निर्माण के संगे-संगे हमाओ भी निर्माण शुरू भओ". आज सूबेदार चचा चले गए तो उनका ही एक डायलॉग याद रह गया जिसमे वो कहते हैं कि "जे बात को जवाब कौन देगा दद्दा, हम ऊपर आकर भी जवाब लेंगे". तुम वही कहते थे जो हमें सुनना था- तुम्हारे डायलॉग बर्फ की पहाड़ियों में खड़े किसी अभिनेत्री के साथ नहीं थे. बल्कि बीहड़ में घूम रहे एक बागी के डायलॉग थे जिन्हे सुनकर लगता था यार क्या ही बोल गया. ये तो मतलब मजा आ गया. चाहे बात हासिल के रणविजय सिंह की हो या फिर हिंदी मीडियम में साडी बेच रहे उस दुकानदार की, हर बार तुमने दिल जीता है. अब तुम्हारे चले जाने पर तरह-तरह के बयान आएँगे। ल...

फैंस के नाम इरफान खान का पत्र...

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कुछ महीने पहले अचानक मुझे पता चला था कि मैं न्यूरोएन्डोक्राइन कैंसर से ग्रस्त हूं, मैंने पहली बार यह शब्द सुना था. खोजने पर मैंने पाया कि मेरे इस बीमारी पर बहुत ज्यादा शोध नहीं हुए हैं, क्योंकि यह एक दुर्लभ शारीरिक अवस्था का नाम है और इस वजह से इसके उपचार की अनिश्चितता ज्यादा है. अभी तक अपने सफ़र में मैं तेज़-मंद गति से चलता चला जा रहा था. मेरे साथ मेरी योजनायें, आकांक्षाएं, सपने और मंजिलें थीं. मैं इनमें लीन बढ़ा जा रहा था कि अचानक टीसी ने पीठ पर टैप किया, “आप का स्टेशन आ रहा है, प्लीज उतर जाएं.’ मेरी समझ में नहीं आया, “ना ना मेरा स्टेशन अभी नहीं आया है.’ जवाब मिला, ‘अगले किसी भी स्टाप पर आपको उतरना होगा, आपका गन्तव्य आ गया. अचानक एहसास होता है कि आप किसी ढक्कन (कॉर्क) की तरह अनजान सागर में, अप्रत्याशित लहरों पर बह रहे हैं… लहरों को क़ाबू कर लेने की ग़लतफ़हमी लिए. इस हड़बोंग, सहम और डर में घबरा कर मैं अपने बेटे से कहता हूं, “आज की इस हालत में मैं केवल इतना ही चाहता हूं… मैं इस मानसिक स्थिति को हड़बड़ाहट, डर, बदहवासी की हालत में नहीं जीना चाहता. मुझे किसी भी सूरत में मेरे पैर चाहिए, जिन पर...

बादलों के बीच सुकून से समय बिताने के लिए लैंसडाउन सबसे शानदार जगह

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महानगर के समीप अगर कोई हिल स्टेशन हो, तो आज की भागती जिंदगी के लिए वह सोने पर सुहागे से कम नहीं है। दिल्लीवासियों के लिए उत्तराखंड या हिमाचल प्रदेश के पर्यटन स्थल सबसे पसंदीदा वीकेंड गेटवेज में से एक हैं। खासकर, ऋषिकेश, मसूरी, नैनीताल, शिमला, मनाली आदि। लेकिन यहां कई बार भीड़ छुट्टियों का मजा किरकिरा भी कर देती है। इनमें उत्तराखंड का लैंसडाउन थोड़ा अलग है, जहां सुकून के साथ मिलता है प्रकृति के बीच समय बिताने का मौका... प्रसिद्ध चीनी दार्शनिक लाओ सू ने कहा था कि एक अच्छे यात्री की कोई निश्चित योजना नहीं होती है और न ही वह कहीं पहुंचने की इच्छा या अभिलाषा रखता है। वह बस चलते ही रहना चाहता है। हमारे घुमक्कड़ों का समूह भी कुछ ऐसी ही ख्वाहिश रखता था। इसलिए मौका मिला नहीं कि मन शहर से बाहर निकलने को आतुर हो जाता है। वीकेंड पर लैंसडाउन जाने का प्लान भी यूं ही बन गया। दिल्ली से करीब 270 किमी. की दूरी पर स्थित पहाड़ी स्थल सैलानियों की भीड़-भाड़ से अभी भी काफी हद तक बचा हुआ है। तय हुआ कि अहले सुबह पौ फटने से पहले निकल पड़ेंगे, जिससे ट्रैफिक की बाधा न मिले। हमने दिल्ली-मेरठ-बिजन...

दीपिका के JNU जाने पर मीडिया में क्यों मचा है बवाल?

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वरुण ग्रोवर ने सही कहा था। मीडिया बारूद और माचिस भी देती है। जरूरत पड़े तो आग भी लगाती है। आग लगने के बाद लोगों दिखाती भी है कि ये देखो हमारे देश में क्या हो रहा है। कल शाम जब से दीपिका JNU गई है तब से तथाकथित और SO CALLED पत्रकार फ़ेसबुक और ट्विटर पर शोर मचाए हुए हैं। कैसे पत्रकार हो बे...अगर तुम्हें क्रांति करनी है तो तुम भी जाकर छात्रों की तरह विरोध करो। लेकिन सोशल मिडिया पर आकर किसी को सपोर्ट और विरोध करना है तो मुख्यधारा में उतर जाओ लेकिन पत्रकार होने का ढोंग मत करो। पत्रकारिता समाज का आईना है और आईने में तुमने पहले ही प्रतिबिंब बना लिया है। तुमने वही भेड़ चाल को अपना लिया है जहां सभी जा रहे हैं। तब तुममें और आम आदमी में कोई अंतर नहीं है। तुमने दिमाग में बना लिया कि दीपिका का विरोध करना चाहिए या किसी द्वारा कह दिया गया कि सोशल मीडिया पर विरोध करो। तुम आंख मूंदकर उसी रास्ते पर चल पड़े। मुझे ये समझ मे नहीं आया कि दीपिका का विरोध किस बात पर किया जा रहा है। इसीलिए कि वो JNU गई? या छात्रों के विरोध में शामिल हुई? क्या किसी ने दीपिका को एक भी शब्द कहते सुना? नहीं न...

हिंदुओं की आस्था का संगम और संतों का समागम है कुंभ मेला

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आध्यात्मिक देश होने के कारण भारत में कई धार्मिक यज्ञ, मेला आदि समय समय पर आयोजित होते रहते हैं। कुंभ मेला भी आध्यात्मिक मेला है, जहाँ विधि- विधान के साथ पूजा पाठ, यज्ञ आदि होता है। ऐसा माना जाता है कि कुंभ  मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और वो जीवन- मरण के चक्र से मुक्त हो जाते हैं। दिसंबर 2017 में यूनेस्को ने भारत मे आयोजित इस मेले को ‘इनटैन्जिबल कल्चर हेरिटेज ऑफ़ ह्यूमैनिटी लिस्ट’ में शामिल किया है। इस तरह से यह मेला एक वैश्विक स्तर का आयोजन बन गया है। सनातन धर्म में कुंभ मेले का अपना आध्यात्मिक महत्व है। सदियों से कुंभ  के मेले में स्नान की प्रथा चली आ रही है। सनातन धर्म के अनुसार मनुष्य की मृत्यु के बाद उसका पुनर्जन्म होता है। ऐसा माना जाता है कि कुंभ मेले में स्नान करने वाले व्यक्ति जन्म बंधन से मुक्त होकर परमात्मा को प्राप्त कर लेता है। इस मेले में एक साथ असंख्य हिंदू श्रद्धालु एक स्थान पर आ पाते हैं। विभिन्न तरह के साधु, सिद्ध पुरुष, विद्वान और पंडित इस मेले में आकर पूजा पाठ, यज्ञ आदि का आयोजन करते हैं। इस मेले में शामिल होकर आध्यात्मिक ज्ञ...

शैतान से इंसान बनने की एक लड़के की कहानी पार्ट-2

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अभी तक आपने पढ़ा था कि एक लड़का अपने परिवार से छुपकर एक ऐसे धंधे में जा फंसता है। जहां से लौटना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है अगर वो लौटने की कोशिश भी करेगा तो वो जेल जाएगा या किसी की गोली का शिकार बनेगा। उसे एक दिन अचानक किसी गैंगस्टर से मिलने का न्योता आता है और वह उधेड़बुन में फंस जाता है। अब आगे... लड़के ने अपने ग्रुप के सभी सदस्यों के साथ तत्काल मीटिंग की और पूरी बात बताई। यह 10 सदस्यीय ग्रुप काफी ताकतवर था। कुछ लोग राजनैतिक पार्टी से संबंध रखते थे, कई पुलिस से अच्छा संबंध रखते थे तो कई प्लान बनाने में माहिर थे। इस ग्रुप की वजह से ही ये आजतक जो भी करते आये थे उसमे बरकत होती रहती थी। खैर, इस मीटिंग के दौरान सभी की कुंडली निकली गयी। जहां तक पहुँच थी सभी जगह से जानकारी इकट्ठा किया गया और लड़के से कहा गया कि आप निश्चिंत होकर मिलने जाओ बाकी देख लिया जाएगा। इस ग्रुप में एक सोशल मीडिया एक्सपर्ट था। वैसे तो वह इंजीनियर था लेकिन देश दुनिया में क्या हो रहा है इसकी जानकारी भलीभांति रखता था। उसी ने काफी रिसर्च करके बताया कि जिससे मिलने जा रहे हो वह कोई मामूली आदमी नहीं बल्कि एक राज्य का म...

जब पटना के छात्रों ने कोचिंग संस्थान के शिक्षकों के खिलाफ आवाज उठाई थी

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हर कोई उच्च शिक्षा पाने के लिए शहर की ओर रुख करता है। बिहार के छात्र भी 10वीं पास कर आंख में इंजीनियर या डॉक्टर बनने का सपना लेकर राजधानी पटना की ओर रुख करते हैं। यहां कोचिंग संस्थान में एडमिशन लेकर जीतोड़ पढ़ाई करते हैं। बड़ी संख्या में छात्र होने के बाद कोचिंग सेंटर वाले भी मनमानी पर उतारू हो जाते हैं। आखिर कब तक छात्र इनकी मनमानी सहते। एक कहावत है स्प्रिंग को जितना दबाओगे छोड़ने पर वह तेज गति से उछलती है। इसका उदाहरण वर्ष 2010 में देखने को मिला जब एक संस्थान में गार्ड की बंदूक से एक छात्र को गोली लग गयी और उपचार के दौरान उसकी मौत हो गयी। छात्रों के आक्रोश ने काफी तबाही मचाई थी। प्रतीकात्मक तस्वीर बात उन दिनों की है जब बिहार में शिक्षकों के खिलाफ छात्रों ने आवाज उठाई थी। पटना के अधिकांश कोचिंग में छात्रों द्वारा उत्पात मचाया जा रहा था। सभी शिक्षक अपने संस्थानों को बंद कर छात्रों को पढ़ाने से इन्कार कर चुके थे। छात्रों का इतना उग्र रूप जयप्रकाश नारायण के आंदोलन के बाद बिहार की राजधानी में पहली बार देखने को मिल रहा था। छात्रों के उग्र रूप की शुरुआत एक कोचिंग संस्थान से हुई। किस...

कोलकाता का ऐसा बाजार जहां नुमाइंदगी होती है जिस्म की

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उतनी गिनती भी नही आती, जितने लोग मेरे उपर चढ़ जाते हैं। मेरी चादर के फूल भी शर्म से लाल हो जाती है। बस एक चीज लाल नहीं होती...मेरी मांग! मुझे सोनागाछी में सस्ते पाउडर लिपिस्टिक की पर्तों में छुपी ज़िंदा लाशों का क्रंदन इस क़दर सुनाई देता है। लगता है, जैसे पूरा सोनागाछी एक श्मशान है ,जहाँ हर कदम एक लाश जल रही है या दफ़न हो रही है।  यहाँ लड़की जैसे ही अपनी दैनिक वृत्तियों को लेकर आत्मनिर्भर हो जाती है यानी फौरन औरत बन जाती है। माहवारी शुरू होने के पहले ही उसे ग्राहक को रिझाने औऱ देर तक उसे यौन के संलिप्त रखने के गुर सीख लेना ज़रूरी होता है क्योंकि कच्ची कली के पहली बार खिलने की खुशबू इस क़दर हमारे देश के कामुक पुरुषों को मतवाला करती है। जब यहाँ किसी लड़की का ज़िस्म पहली बार मंडी में उतरता है तो उसके ख़ैरख्वाहों और दलालों को तगड़ी रक़म ग्राहक से मिलती है।  बाक़ायदा लड़कियाँ बॉलीवुड के सस्ते आयटम गानों पर भड़काऊ ढंग से नाचना सीखती हैं। शाम होते ही उनकी नुमाइश शुरू हो जाती है और रात गुजरते हुए ये लड़कियां या अपना जिस्म हारती है या ज़िन्दगी की दौड़ में रोटी हार जाती है। पश्चिम बंगाल...

मेरठी हैं कूल डूड : टी शर्ट दिवस पर विशेष

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मेरठ के लोगों में स्वैग काफी होता है। वे खुद को कूल दिखाना पसंद करते हैं। अगर आपके टी शर्ट पर जाट, गुर्जर या सख्त लौंडा लिखा हो तो लोगों का ध्यान खुद ब खुद चला जाता है। 21 जून को टी शर्ट डे है। आइये जानते हैं मेरठ में टी शर्ट के चलन के बारे में... मेरठ शहर खास तौर पर स्पोर्ट्स और कैंची के लिए मशहूर है। इसके अलावा यहां स्पोर्ट्स वियर काफी मशहूर है। खेल से संबंधित कपड़ो की डिमांड देश ही नहीं विदेशों में भी है। मेरठ की धरती से ढेरों फैशन के चलन निकले हैं। आजकल के युवा टी शर्ट पहन कर कूल दिखने की कोशिश करते हैं और उन्हें कूल लगने के लिए बाजार में कई तरह के टी शर्ट्स उपलब्ध है जैसे जाट व गुर्जर समेत अन्य टीशर्ट्स लोग काफी पसंद कर रहे हैं। योग टी शर्ट की बढ़ रही डिमांड 21 जून को विश्व योग दिवस है इसे लेकर लोगों में काफी उत्साह है। इसे देखते हुए लोगों में योग से संबंधित टी शर्ट की डिमांड काफी बढ़ गयी है। टी शर्ट पर लिखे योगस्य चित्त वृति निरोध:, करो योग रहो निरोग के अलावा योगासन व संस्कृत के श्लोक  छपे टी शर्ट्स लोगों ने पहनने शुरू कर दिए हैं। मोदी-योगी की बढ़ी डिमांड युव...

खैनी...बिहार की पहचान : यहां लोगों का स्वागत स्वैग से नहीं खैनी से होता है

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एक पंडितजी रास्ते से जा रहे थे तभी सामने से आवाज आई अरे पंडितजी कहां जा रहे हैं खैनिया त खा के जाईं। पंडितजी तुनककर बोले... अरे भक मर्दे अभी जजमानी में दसो रुपिया नहीं हुआ है, आ सूरज भी माथा पर चढ़ आया है। का करें खैनी खा के, घर जाएंगे त मेहरारू फिर से चिल्लाएगी... कि आ गए खाली हाथ, कइसे जजमानी करते हैं कि दस गो रुपिया नहीं जुड़ता है आपसे। इतना बोलते ही शर्मा जी बोले.. अरे ऊ सब छोड़िये गुस्सा पहिले खटिया पर बईठीये। का बइठे शर्मा जी बहुते परेशान हैं बेटा नालायक निकल गया है। ससुरा दिल्ली कमाने चला गया अउर जब से शादी किया है तब से पईसे नहीं भेजता है। तभी शर्मा जी बोले अरे ऊ सब छोड़िये लीजिये ई चिनउटी आ खैनी बनाइये। शर्मा जी ने अपने बेटे को आवाज लगाई अरे जित्तन जरा एक लोटा पानी लेते आना अउर देखो त का बनाई है तोहर माई। ई लीजिये पंडित जी पानी पीजिये। अउर खाना भी आ रहा है अभी जित्तना के माई ले के आती ही होगी। जित्तन की माँ खाना लेते हुए आयी अउर बोली...गोर लागी पंडित जी ई ली खाना खायीं । पंडित जी बोले...जियत रहीं भगवान अईसे ही भंडार भरल रखे। अउर सब कुशल मंगल है न घर में। जीपंडितजी। जाईं क...

शैतान से इंसान बनने की एक लड़के की कहानी पार्ट-1

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एक जमाना था कि वो दिन को दिन नहीं समझता था और अंधाधुन अपने काम करने में मस्त था. कौन सा काम ? वही जो एक आम इंसान नहीं कर सकता, जिसे करने के लिए बहुत हिम्मत की जरुरत पड़ती है, जो एक बार इस दलदल में पड़ जाये तो वो आसानी से निकल नहीं सकता, उसके लिए या तो जेल की सलाखें होती है या मौत ! बात करते है बिहार के एक ऐसे लड़के की जिसे सिर्फ मशहूर और दौलतमंद बनने का जूनून सिर पर सवार था। इसके लिए वो किसी भी हद तक जाने को तैयार था। बिहार के ऐतिहसिक स्थान में पैदा हुआ। उसने खुद को ऐसे माहौल में ढाल लिया कि लोग उससे खौफ खाने लगे। हालाँकि आम आदमी को इस बात की भनक तक नहीं थी लेकिन जो इस क्षेत्र में थे उन्हें भलीभांति पता था कि वह कर क्या रहा है और वह करना क्या चाहता है। बस उसके जेहन में एक बात घूमती रहती थी कि मुझे बहुत ही मशहूर बनना है चाहे कितना भी गलत काम करना क्यों  न पड़े। यही जुनून उसे समाज के उस दलदल की ओर ले जाने लगा जहां जाना तो आसान था। लौटना काफी मुश्किल। वह अपने परिवार से छुप छुप कर यह सब करता था। परिवार वालों को ये पता था कि मेरा लड़का घर से बाहर रहकर पढाई कर रहा है लेकिन उन्हें क्य...

कभी प्रेम का प्रतीक माने जाने वाले मटुकनाथ गुजार रहे अकेली जिंदगी

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कभी प्रेम का प्रतीक माने जाने वाले मटुकनाथ गुजार रहे अकेली जिंदगी कहते हैं न प्यार की गहराई अनंत होती है। उम्र की सीमा न वक्त का तकाजा होता है। प्यार तो प्यार है जिससे होना होता है वो हो ही जाता है। एक ऐसे ही प्यार की कहानी है पटना में रहने वाले बीएन कॉलेज के प्रोफेसर मटुकनाथ और उनकी छात्रा जूली की। इनके प्रेम प्रसंग के चर्चे काफी मशहूर थे। प्रोफेसर मटुकनाथ और उनकी स्टूडेंट जूली के बीच 30 साल का अंतर था। दोनों को अपनी लव लाइफ के लिए काफी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ा था। बावजूद दोनों ने एक-दूसरे का बखूबी साथ दिया। फिलहाल, दोनों ने शादी नहीं की, पर राजी-खुशी लिव इन में हैं। इस कारण मटुकनाथ को कॉलेज से बर्खास्त कर दिया गया और बाद में सेवा समाप्त कर दी गयी थी। फिर अदालत का दरवाजा खटखटाने पर उन्हें बहाल किया गया था। अब मटुकनाथ अक्टूबर 2018 में रिटायर हो रहे हैं। आइये जानते हैं कि कैसे शुरू हुई थी इन दोनों की लव स्टोरी... कैसे शुरू हुई दोनों की लव स्टोरी... दोनों की पहली मुलाकात क्लासरूम में हुई थी। 2004 में मटुकनाथ ने एक कैंप लगाया था, जिसमें जूली भी गयी थी। इसी दौरान दोनों म...

अपने लाइफ पार्टनर से जरूर करें ये बात जवां रहेगी लव लाइफ

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आजकल किसी के साथ रिलेशनशिप में रहना आम बात है। लेकिन उस रिलेशनशिप को लंबे समय तक चलाना थोड़ा मुश्किल होता है। अगर कपल्स के बीच अच्छी अंडरस्टैंडिंग नहीं होगी तो वह अपने रिलेशन को ज्यादा दिनों तक बेहतर तरीके से नहीं चला पाएंगे। ऐसे में अगर आप रिलेशनशिप में हैं या फिर शादी करने वाले हैं, तो अपने पार्टनर से इस बारे में बात जरूर करें। कुछ बातें ऐसी हैं, जिनके बारे में पहले ही बात करना सही रहता है। अगर आप पार्टनर से इन बारे में बात कर लेंगे तो यह आप और आपके रिश्ते के लिए अच्छा रहेगा। साथ ही आए दिन होने वाली नोंक-झोंक से भी बच पाएंगे। जानें क्या है वह बातें जो पहले करनी चाहिए... इजाजत लेना व्यक्ति को कभी नहीं सोचना चाहिए कि अगर वह अपने पार्टनर से किसी चीज की इजाजत लेगा तो वह गुलाम कहलाएगा। अगर आप कोई भी काम करने से पहले एक-दूसरे की इजाजत लेते हैं, तो यह आपके रिश्ते के लिए सही रहेगा। पर्सनल स्पेस रिलेशनशिप में होने के बाद कोई जरूरी नहीं है कि आपका पार्टनर पूरे टाइम आपके साथ रहें। अगर आपका पार्टनर अपने दोस्तों के साथ समय बिताना चाहते हैं, तो उसे वक्त दें। ऐसा करने से आपके रिश्ते ...

एक ऐसा विधायक जिसके आगे सरकार का कद छोटा पड़ गया

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उत्तराखंड बीजेपी में प्रदीप बत्रा अकेले विधायक हैं जिन्होंनें सबसे कम समय में संघ परिवार समेत पूरे घराने को अपने खिलाफ खड़ा कर लिया है। कांग्रेस से बीजेपी में आए रूड़की के विधायक प्रदीप बत्रा ने पार्टी तो बदल ली लेकिन अपना तौर तरीका नहीं बदला। पूरी पार्टी इनके कारनामें को लेकर सड़क पर है। विधायक महोदय पर आरोप है कि एक व्यापारी-पटियाला लस्सी वाले को फायदा पहुंचाने के लिए इन्होनें सिविल लाइंस के चैराहे से चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमा ही उखाड़ दी। चंद्रशेखर आजाद का दोष इतना था कि वो दुकान के सामने मूंछ ऐंठ रहे थे। इसके खिलाफ पीडब्लूडी को ही कोर्ट जाना पड़ा। कोर्ट ने तो मूर्ति के हक में फैसला सुना दिया लेकिन चंद्रशेखर आजाद जी तमाम दबाव के बाद भी विधायक जी की मर्जी के आगे बेबस है। जबकि चंद्रशेखर जी की मूर्ति हटाने पर जमकर बवाल हुआ था लोगों ने प्रदीप बत्रा के खिलाफ न सिर्फ नारेबाजी की थी बल्कि उनके पुतले की शवयात्रा भी निकाली थी।  विभिन्न संगठन भी सड़क पर उतरे थे। पश्चिमी रूड़की भाजपा के मंडल अध्यक्ष सौरभ पंवार भी इनके खिलाफ संगठन के कार्यकर्ताओं की अनदेखी करने की शिकायत कर चुके हैं...

पत्नी को उसके प्रेमी से मिलाने के लिए पति ने दी बड़ी कुर्बानी

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साल 1999 में एक फिल्म आई थी. हम दिल दे चुके सनम. उसमें एक पति अपनी पत्नी को उसके प्रेमी से मिलाने के लिए धरती आसमान एक किए रहता है. फिल्म के क्लाइमेक्स में आंसू छिपाने की कोशिश जरूर किए होंगे आप. लेकिन बिहार में एक लव स्टोरी उस फिल्म से बहुत आगे बढ़ गई. एक पति ने अपनी 10 साल की शादी और 2 बच्चे अपनी पत्नी का प्रेम बचाने के लिए कुर्बान कर दिए. प्रेमी को अपनी पत्नी बच्चों समेत सौंप दी. कानूनी तरीके से शादी कराई. पढ़ने में आसान लग रहा होगा लेकिन बहुत बड़ा कलेजा किया भाई ने. तो अब सुनो पूरी कथा. बिहार के वैशाली जिले के बिदुपुर थाना क्षेत्र में ऊंचडीह गांव है. वहां अरुण अपनी बीवी मधु के साथ रहता था. 10 साल पहले शादी हुई थी. दो बच्चे थे. इधर मधु अपने मायके गई और वहां पड़ोसी श्रवण चौरसिया से प्यार हो गया.  प्यार माने लव माने मोहब्बत. श्रवण का आना जाना मधु की ससुराल तक होने लगा. तब अरुण को पता चला. इसके बाद बड़ा बवाल हुआ. काहे कि ये तो होना ही था. फिर अरुण ने मधु को समझाने का प्रयास किया लेकिन मधु ने अरुण को ही समझा दिया. कि मैं अब श्रवण के साथ रहना चाहती हूं. बीवी को दुव...