शैतान से इंसान बनने की एक लड़के की कहानी पार्ट-1


एक जमाना था कि वो दिन को दिन नहीं समझता था और अंधाधुन अपने काम करने में मस्त था. कौन सा काम ? वही जो एक आम इंसान नहीं कर सकता, जिसे करने के लिए बहुत हिम्मत की जरुरत पड़ती है, जो एक बार इस दलदल में पड़ जाये तो वो आसानी से निकल नहीं सकता, उसके लिए या तो जेल की सलाखें होती है या मौत !

बात करते है बिहार के एक ऐसे लड़के की जिसे सिर्फ मशहूर और दौलतमंद बनने का जूनून सिर पर सवार था। इसके लिए वो किसी भी हद तक जाने को तैयार था। बिहार के ऐतिहसिक स्थान में पैदा हुआ। उसने खुद को ऐसे माहौल में ढाल लिया कि लोग उससे खौफ खाने लगे। हालाँकि आम आदमी को इस बात की भनक तक नहीं थी लेकिन जो इस क्षेत्र में थे उन्हें भलीभांति पता था कि वह कर क्या रहा है और वह करना क्या चाहता है। बस उसके जेहन में एक बात घूमती रहती थी कि मुझे बहुत ही मशहूर बनना है चाहे कितना भी गलत काम करना क्यों  न पड़े। यही जुनून उसे समाज के उस दलदल की ओर ले जाने लगा जहां जाना तो आसान था। लौटना काफी मुश्किल। वह अपने परिवार से छुप छुप कर यह सब करता था। परिवार वालों को ये पता था कि मेरा लड़का घर से बाहर रहकर पढाई कर रहा है लेकिन उन्हें क्या पता की उनका ये लाडला चोरी छुपे एक ऐसे रास्ते पर निकल चूका था जहाँ से निकलना मुश्किल ही नहीं कठिन भी था।

उसने सबसे पहले पैसा कमाने का जरिया बनाया नशा को। नशे के उत्पाद की खरीद बिक्री जिले से शुरू की और बढ़ते बढ़ते वह अन्य राज्यों तक अपने पाँव फैलाने लगा। कई जगहों से सामान की खरीद बिक्री शुरू कर दी थी। वह सस्ते दामों पर लाता और महंगे दामों पर बेचता था। अधिकतर स्कूल और कॉलेज के छात्र ही इसके आदी होते थे तो मनमर्जी भी चलती थी। जब ज़्यादा मुनाफा होने लगा तो वो गोली और बंदूक की भी समग्लिंग करने लगा। वह दिन रात किसी न किसी काम से घर के बहार रहने लगा। इस क्षेत्र के पारंगत लोगों से मिलने लगा।घरवालों को झूठ बोलने लगा। दिन ब दिन वह नई ऊंचाइयों को छूने के साथ गलत अपराध को अपना पेशा बनाने लगा।

उसकी प्रसिद्धि काफी बढ़ने लगी। वह रातोंरात लोकप्रिय हो चुका था। अचानक एक दिन उसके दरवाजे पर एक व्यक्ति ने दस्तक दी।
उसने दरवाजे के पीछे से पूछा... कौन?
उधर से आवाज आई
मैं नामचीन गैंगस्टर.....का आदमी बोल रहा हूँ।
उसने झट से दरवाजा खोला और देखा कि 5-6 लोग काले वस्त्र धारण किये माथे पर लाल टीका लगाए हुए उसके कमरे की ओर बढ़ रहे हैं। वह डर गया और घबराते हुए पूछा...ककक्क क्या काम है आपलोगों को। किससे मिलना है?
तभी एक व्यक्ति ने बोला बॉस ने आपको बुलाया है। आपसे मिलना चाहते हैं।
लड़के ने पूछा मुझसे क्या काम है आपके बॉस को...
उसने कहा मुझे पता नहीं है बस आपके बारे में बहुत सुना है इसलिए बॉस आपसे मिलना चाहते हैं। आप जब फ्री हों अपना समय बता दीजिए। जगह और स्थान मैं आपको बताऊंगा।
कुछ देर सोंचने के बाद लड़के ने कहा...ठीक है कल सुबह मैं फ्री हूँ। बोल दो बॉस को कल सुबह मिल लें...
उनलोगों ने कुछ नहीं कहा... बस हाथ में एक लिफाफा थमा के वो लोग चले गए।
लड़का काफी उधेड़बुन में फंस गया आखिर वो चाहता क्या है और क्यों मुझसे मिलने चाहता है। साथ ही मन मे एक डर भी था कि कहीं मेरे काले धंधे को चौपट करने की मंशा तो नहीं।
आगे अगली सीरीज में...

नोट- यह एक काल्पनिक कथा है इसका वास्तविकता से कोई संबंध नहीं है।

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