Dhadak movie review : आगाज वही अंजाम नई


हम्प्टी शर्मा की दुल्हनिया और बद्रीनाथ की दुल्हनिया फिल्मों का निर्देशन निर्देशक शशांक खेतान ने किया है, जिसमें मंझे हुए कलाकार वरुण धवन और आलिया भट्ट काम करते हुए नजर आये। इस बार शशांक ने नए कलाकार ईशान खट्टर और अभिनेत्री श्रीदेवी की बेटी जाह्नवी कपूर के साथ धड़क फिल्म बनायी है। हालांकि यह फिल्म ब्लॉकबस्टर मराठी फिल्म सैराट की ऑफिशियल हिंदी रीमेक है। सैराट फिल्म को पिछले साल 2017 में कन्नड़ और पंजाबी में भी रीमेक किया गया और इस साल इसका हिंदी रूपांतरण रिलीज हो गया है।

फिल्म की कहानी उदयपुर से शुरू होती है जहां के रहने वाले रतन सिंह (आशुतोष राणा) बहुत ही दबंग इंसान है और उनकी बेटी पार्थवी सिंह (जाह्नवी कपूर) है। उदयपुर में ही एक रेस्टोरेंट चलाने वाले परिवार का लड़का मधुकर बागला (ईशान खट्टर) है, जो टूरिस्ट गाइड का भी काम करता है। मधुकर और पार्थवी के बीच आंखे मिलती हैं और प्यार हो जाता है जो बात रतन सिंह और उसके बेटे को बिल्कुल भी नहीं पसंद है। जिसकी वजह से कहानी में बहुत सारे ट्विस्ट और टर्न्स आते हैं। कहानी उदयपुर और नागपुर होते हुए कोलकाता पहुंचती है, अंततः क्या होता है यह जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी।

फिल्म की कहानी का आगाज मराठी फिल्म सैराट के जैसे ही है लेकिन अंजाम अलग है. फिल्म में शशांक खेतान का फ्लेवर है जो आपको धीरे-धीरे बढ़ती कहानी में नजर भी आता है। हालांकि पहला भाग थोड़ा धीमा है लेकिन इंटरवल के बाद कहानी अलग रफ्तार में आगे बढ़ती है। फिल्म का डायरेक्शन काफी कमाल का है और जिस तरह से शशांक खेतान ने उदयपुर और कोलकाता को कैमरे में कैद किया है उसकी प्रशंसा लाजमी है। फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर कहानी के साथ साथ चलता है। आशुतोष राणा और फिल्म में ईशान खट्टर के दोस्त के रूप में कलाकारों ने बढ़िया काम किया है वही दूसरी फिल्म होने के बावजूद ईशान खट्टर ने लाजवाब प्रदर्शन किया है। जाह्नवी कपूर की पहली फिल्म है और फिल्मांकन के दौरान उनके अभिनय की बारीकियां देखने को मिलती हैं और कई ऐसी जगह है जहां आपको श्रीदेवीजी की याद भी आती है, जाह्नवी की खासियत उनकी आवाज़ भी है जिसका एक अलग तरह का टेक्सचर है। कुछ सीन तो ऐसे हैं जहां वह काफी उम्दा अभिनय करती हुई दिखाई देती है। मेकर्स ने फिल्म की प्रोडक्शन वैल्यू काफी रिच रखी है।

फिल्म की कहानी की तुलना अगर आप मराठी फिल्म सैराट से करेंगे तो शायद यह फिल्म आप की आशाओं पर खरी ना उतरे, शशांक खेतान ने स्क्रीनप्ले में समय-समय पर अपने हिसाब से बदलाव किए हैं। फिल्म का टाइटल ट्रैक जबरदस्त है लेकिन जिन लोगों ने याड लागला और झिंगाट को मराठी में सुना है शायद फिल्मांकन के दौरान उन्हें यह हिंदी में पसंद ना आए। फिल्म में रोमांस के साथ साथ ऑनर किलिंग जैसे मुद्दे की तरफ भी ध्यान दिलाने की कोशिश की गई है लेकिन कई ऐसी जगह है जहां पर दर्शक के तौर पर शायद आपको इमोशन कम नजर आए। जाह्नवी और ईशान के किरदारों के अलावा बाकी पात्रों पर फिल्म के सेकंड हाफ में और भी ज्यादा ध्यान दिया जा सकता था।

मराठी फिल्म 'सैराट' को लगभग 4 करोड़ के बजट में बनाया गया था और ख़बरों के मुताबिक़ धड़क फिल्म की लागत 55 करोड़ बतायी जा रही है और अगर प्रोमोशन का बजट मिला दें तो यह 70 करोड़ की फिल्म बतायी जा रही है। फिल्म को बड़े पैमाने पर रिलीज किया गया है , देखना बेहद ख़ास होगा की वीकेंड की कमाई कितनी होती है।

अवधि: 2 घंटा 17 मिनट
सर्टिफिकेट: U/A
रेटिंग: 3 स्टार

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