माता कहती पुकार के
माता कहती पुकार के,
पुत्र मेरे राष्ट्र के।
पुत्र मेरे राष्ट्र के।
अब उठो जागो तुम,
युं हाथ पर हाथ धरे न बैठो तुम।
युं हाथ पर हाथ धरे न बैठो तुम।
अपनी सोंच बदलना है तुम्हे,
अन्यायों से लङना है तुम्हे।
अन्यायों से लङना है तुम्हे।
करना है कुछ काम तुम्हे,
लेकर चलना है साथ तुम्हे।
लेकर चलना है साथ तुम्हे।
तुम अाज के युवा हो,
देश के तुम भाग्य विधाता हो।
देश के तुम भाग्य विधाता हो।
बहू-बेटियों को बचाना है तुम्हे,
बुद्ध-महावीर जैसा बनना है तुम्हे।
बुद्ध-महावीर जैसा बनना है तुम्हे।
सभी को एक साथ लेकर,
देश में क्रांति लाना है तुम्हे।
देश में क्रांति लाना है तुम्हे।
क्यों तुम व्यर्थ बैठे हो,
भविष्य का गांधी बनना है तुम्हे।
भविष्य का गांधी बनना है तुम्हे।
हरियाली इस धरा पर लाकर,
वृक्षों को बचाना है तुम्हे।
वृक्षों को बचाना है तुम्हे।
मार भगाओ दहेज दानव को,
भविष्य को बचाना है तुम्हे।
भविष्य को बचाना है तुम्हे।
फल की चिन्ता मत करो,
एक अच्छा राष्ट्र बनाना है तुम्हे ।
नवनीत कुमार जायसवाल
एम.ए पत्रकारिता एवं जनसंचार
देव संस्कृति विश्वविद्यालय,हरिद्वार
एक अच्छा राष्ट्र बनाना है तुम्हे ।
नवनीत कुमार जायसवाल
एम.ए पत्रकारिता एवं जनसंचार
देव संस्कृति विश्वविद्यालय,हरिद्वार
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