बिहार का बेटा
हूँ मैं बेटा बिहार का, कर्म मेरा परोपकार का।
भाषा मेरी भोजपुरी है, वीरों की यह भूमि है।
यहाँ ज्ञान मिला बुद्ध को, कर्ण की यह जन्मभूमि है।
यह बिहार है उस जमाने की,
जहां हिम्मत न हुई सिकन्दर को आने की।
जिसने विदेशियों में ज्ञान जगाया,
वह नालन्दा विश्वविद्यालय बिहार में पाया।
जहां से गांधी ने किया आंदोलन,
वहीं से बिस्मिल्ला ने लिया जन्म ।
जहां महावीर ने दिया उपदेश,
यहीं से जन्म हुआ चाणक्य का।
यह स्थान है अशोक सम्राट का,
वह धरती है बिहार का।
नवनीत कुमार जायसवाल
एम.ए. पत्रकारिता एवं जनसंचार
देव संस्कृति विश्वविद्यालय, हरिद्वार
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