आध्यात्म का मार्ग ही सरल है


इंसान के जीवन में बहुत सी चुनौतियां है और उसे पुरा करने के लिए वह किसी न किसी माध्यम का साथ अवश्य लेता है वह एकमात्र सहारा है आध्यात्म की तरफ जाना आध्यात्म एक ऐसा मार्ग है जहां से व्यक्ति कोई भी मार्ग चुन सकता है। आज सामाज में चारों तरफ चारों तरफ बुराईयां देखने को मिलती है। कोई ऐसा व्यक्ति नही है जो इससे अछुता हो। इस समाज की मानसीकता बदलने के लिए आध्यात्म बहुत ही सरल मार्ग है। आध्यात्म सिर्फ पुजा-पाठ करना नही है इसका अर्थ है कि जो व्यक्ति चैमुखी विकास के लिए मार्ग अपनाता है उसे ही आध्यात्म कहा जाता है जिससे मनुष्य का सामाजिक, आर्थिक, वैश्विक, आध्यात्मिक, राजनैतिक सभी तरह से विकास होता है वह ही सरल आध्यात्म की तरफ जाने का रास्ता है। लेकिन प्रश्न यह उठता है कि किस तरीके से चैमुखी विकास किया जाए तो वह है सकारात्मकता। सकारात्मकता से किया गया कार्य ही हमें आध्यात्म की तरफ ले जाता है। गलत तरीके से किया गया कार्य विनाश की ओर ले जाता है शुरू-शुरू में तो यह कार्य करने में बहुत मजा आता है लेकिन यह उतना की विनाशकारी है। गलत तरीके से कमाया गया धन उतनी ही तेजी से खत्म हो जाता है जितनी तेजी से कमाया गया है। गलत कार्य करने के बाद प्रत्येक व्यक्ति को पश्चाताप करना पड़ता है अगर शुरूआत में ही गलत न किया जाए तो बाद में पश्चाताप करने की नौबत न आएगी। प्रत्येक मनुष्य का जन्म किसी न किसी उद्देश्य की पूर्ति हेतु हुआ है। वह इस उद्देश्य से अनभिज्ञ है। उसे यह पता नही होता कि वह करना क्या चाहता है और वह कर क्या रहा है। मनुष्य अपने लक्ष्य से भटक गया है, वर्तमान समय में आए दिन

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