5वें दीक्षांत की तैयारी जोरों पर

देवसंस्कृति विश्वविद्याालय में होने वाले 5 वें दीक्षांत की तैयारी काफी जोर शोर से चल रही है। सभी काफी उत्साह के साथ इस आयोजन को सफल बनाने में लगे हुए हैं। यहां के छात्र व शिक्षक सभी एकजूट होकर काफी उत्साह के साथ इस कार्य में लगे हुए हैं। यहां एक ऐसा माहौल बन गया है जिसमें सभी सहभाग के लिए हाथ बंटाने की कोशिश कर रहे हैं। इस कार्यक्रम में नोवेल शांति पुरस्कार विजेता श्री कैलाश सत्यार्थी एवं उत्तराखंड के माननीय राज्यपाल डाॅ के के पाॅल मुख्य अतिथी के रूप में मौजूद रहेंगे।
आयोजन स्थल की भव्यता
सबसे पहले बात की जाए रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट ग्राउंड की जहां इस पूरे कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। वहां की भव्यता का वर्णन जितना किया जाए उतना ही कम होगा। पूरे मैदान में कार्यक्रम के लिए पंडाल से सजा हुआ है। चारों तरफ प्रदर्शनी के लिए स्टाॅल तैयार हो रहे हैं। गेट की साज सज्जा देखकर कोई भी सम्मोहित हो सकता है।
सांस्कृतिक कार्यक्रम की तैयारी
इस भव्य आयोजन में सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए यहां के छात्र व छात्राऐं नृत्य, संगीत, नाटक एवं अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए दिन रात एक कर तैयारी में लगे हुए हैं वहीं प्रदर्शनी, साज सज्जा के लिए भी सभी की खुब मेहनत दिख रही है। शाम में मृत्युंजय सभागार एवं मेस हाॅल में छात्रों की उत्साहों का परिचय मिलता है। देश के अलग अलग राज्य की संस्कृति को नृत्य व संगीत के माध्यम से यहां दर्शाया जाएगा।
एल्युमिनी के लिए सुविधा
एल्युमिनी के विशेष सुविधा के लिए श्री राम भवन में रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है। उनकी सुविधा को ध्यान में रखते हुए सभी कार्यो का आयेजन पूरी व्यवस्था के साथ की गयी है। छात्र के लिए रहने की व्यवस्था गायत्री विद्याापीठ एवं छात्राओं के लिए शांतिकुंज में की गयी है। यह कार्य भी यहां के छात्रों को सौंपा गया है। साथ ही निर्देशन के लिए पग पग पर शिक्षकगण एक मित्र की तरह मार्गदर्शन कर रहे हैं।
मीडिया की व्यवस्था
इस पूरे आयोजन के लिए प्रिंट मीडिया एवं इलेक्ट्राॅनिक मीडिया की टीम तैयार की गयी है। जिसमें पत्रकारिता विभाग के छात्र-छात्राओं के द्वारा ही इस पूरे कार्यक्रम को कवर किया जाएगा। साथ ही शांतिकुंज की मीडिया टीम का सहयोग परस्पर मिलता रहेगा। और बाहर के विभिन्न मीडिया संस्थानों से रिपोर्टर व विडियोग्राफर आकर इस कार्यक्रम को कवर करेंगे।
छात्रों द्वार की गयी रचनाऐं
छात्रों के द्वारा बनायी गयी कलाकृति को मृत्युंजय सभागार व आयोजन स्थल पर लगाया जाएगा जिसमें ग्राम प्रबंधन, जीवन प्रबंधन, एवं पर्यावरण से संबंधित चित्र व कला के माध्यम से लोगों को आकर्षित करने व कुछ नया सीखने की प्रेरणा देगा।
मुख्य आकर्षण का केन्द्र
इस पूरे कार्यक्रम में मुख्य आकर्षण का केन्द्र प्रज्ञेश्वर महाकाल मंदिर, मृत्युंजय सभागार व आर एण्ड डी ग्राउंड रहेगा जहां सभी तरह से लोगों का ध्यान आकर्षित करेगा।
क्यों होता है दीक्षांत समारोह
दीक्षांत का मतलब है दीक्षा का अंत अर्थात यहां से दीक्षा प्राप्त कर देश के विभिन्न क्षेत्रों में जाकर समाज के हित के लिए कार्य करना। इसी भाव का बोध कराने हेतु प्रत्येक तीन वर्ष में दीक्षांत का आयोजन किया जाता है। जिससे विश्व विद्यालय में पढ़ चुके छात्र व छात्राऐं यहां आकर अपने गुरू से दीक्षा लेकर अपना कार्य सामाजिक हित के लिए कर पाऐं।
                                                                                   
                                                                                    कौन कौन उपस्थित रहेंगे
5 वें दीक्षांत समारोह में देव संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डाॅ प्रणव पांड्या उत्तराखंड के माननीय राज्यपाल डाॅ के के पाॅलएवं मुख्य अतिथी के रूप मेंनोवेल शांति पुरस्कार विजेता श्री कैलाश सत्यार्थी मौजूद रहेंगे। साथ ही यहां से शिक्षा प्राप्त कर विभिन्न क्षेत्रो में कार्य कर रहे लगभग 1200 छात्र-छात्राऐं उपस्थित रहेंगे।

कार्यक्रम का शुभारंभ दिनांक 14-04-2017 को मुख्य अतिथी व विवि के कुलाधिपति के कर कमलो द्वारा किया जाएगा। एवं दिनांक 15-04-2017 को मुख्य कार्यक्रम होंगे जिसमें यहां के छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक व डिग्री दी जाएगी।



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