भारत ही एक ऐसा देश है जहाँ लोग बीमार होने के लिए खाते हैं
हम भारतीयों की एक खास बात है, हमलोग खाने पीने के शौकीन होते हैं। आपको राह चलते ऐसे बहुत से ठेले, रेहड़ी और स्टॉल मिल जायेंगे जहाँ ये सब खाने की चीजें आसानी से मिल जाती है और खासकर महिलाएं इन चीजों की शौकीन होती हैं।
गोलगप्पे
चटाखेदार मसाला पानी, उबले आलू मटर से भरे गोल गोल गोलगप्पे को देखकर ही मुंह में पानी आ जाता है। गोलगप्पे, पानी बतासे, फुचका और पता नहीं क्या क्या नाम से बोला जाता है।
चाट
अगर कुछ चटपटा खाने का मन है, तो चाट से स्वादिष्ट और चटपटा क्या हो सकता है। चाट कई प्रकार के होते हैं छोले चाट, टिक्की चाट
मोमोज़
मोमोज तो आज कल लगभग सभी की पसंद बन गयी है और ज्यादातर तो यह लड़कियों को पसंद होता है। मोमोज को भाप में पकाकर बनाया जाता है। इसे बनाने में तेल भी बहुत कम लगता है. इसलिए ये खाने में हल्के और पौष्टिक भी होते हैं. मोमोज़ एक तिब्बती, लज़ीज़ व्यंजन है जिसे भारत में लोग बेहद पसंद करते हैं.
छोले-भटूरे
छोले भटूरे का नाम पंजाब में पॉपुलर डिश में लिया जाता है और वाकई इसका चटपटा स्वाद हर किसी को भाता है.
चौमीन
चाउमिन बच्चों के तो फेवरेट होते ही हैं साथ ही हम सबको भी बहुत पसंद आते हैं. घर पर इन्हें ज़्यादा सब्ज़ियां डाल कर पौष्टिक बनाया जाता है
बर्गर
यह भारतीय आलू टिक्की और मुलायम बन का स्वादिष्ट मिश्रण है। विदेशी बर्गर में भारतीय जायका लाने के लिए आलू टिक्की को भारतीय मसालों का उपयोग करके घर पे बनाया गया है।
1- पहली बात तो ये मैदा खाने से वजन बढ़ने लग जाता है।
2- कोलेस्ट्रॉल का लेवल और खून में ट्राईग्लीसराइड भी बढ़ने लगता है।
3- इतना ही सांस लेने में भी दिक्कत होने लग सकती है।
4- इसमें फाइबर बिल्कुल भी नहीं होता, जिस वजह से कब्ज की शिकायत हो सकती है।
5- मैदे में ग्लूटन अधिक मात्रा में पाया जाता है, ग्लूटन के कारण फूड एलर्जी हो सकती है।
6- मैदा पेट में जाकर फूलने लगता है और भूख कम कर देता है।
7- मैदा बनाते समय उसमें से प्रोटीन बाहर हो जाता है. इससे यह एसिडिक बन जाता है।
8- आपको मैदा खाने से प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती हैं।
9- मैदे में हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स अधिक मात्रा में होता है, जिसके कारण शुगर लेवल बढ़ जाता है. इसलिये मैदा खाने से शरीर में इंसुलिन कम बनता है और ये सीधा सीधा डायबिटीज के लिये न्योता होता है.
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