भगवा आतंकवाद है ? केसरीया आतंकवाद vs हरा आतंकवाद

कुछ समय पहले की बात है भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संवित पात्रा ने कहा कि अगर केसरिया आतंकवाद है तो हरा भी आतंकवाद ही है और ये काफी हद तक सही भी है। कुकी हरा रंग मुस्लिम का प्रतीक माना जाता है। 

आइये जानते है क्या है भगवा आतंकवाद 

भगवा आतंकवाद का सबसे पहला प्रयोग अंग्रेज़ी में सन् 2002 में फ़्रंटलाईन नामक अंग्रेज़ी पत्रिका के एक लेख में गुजरात दंगे को संबोधन करने के लिए हुअा था। लेकिन इस शब्द का अधिक प्रयोग 29  सितंबर सन् 2008 के मुंबई के मालेगाँव धमाके के बाद हुआ क्योंकि जांच के सिलसिले में धमाके से संबद्धित, कथित तौर पर, एक हिन्दू संगठन से जुङे लोगों को गिरफ्तार किया गया। हालांकि इस्लामी उग्रवादी संगठन इंडियन मुजाहिदीन पर भी दोष आया था क्योंकि इसी इलाके में सन् 2006 के धमाके में इंडियन मुजाहिदीन का हाथ होने की आशंका थी (असल में इंडियन मुजाहिदीन उस समय 'स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट आॅफ़ इंडिया' के नाम से जाना जाता था)। लेकिन, जांच आगे बढ़ने के बाद किसी हिन्दू संगठन के शामिल होने की कथित तौर पर​ पुष्टि हो गई।
शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के अनुसार, शरद पवार ने ही सबसे पहले भगवा आतंकवाद शब्द का प्रयोग किया था। इसका जवाब देते हुए पवार ने कहा कि उन्होंने सबसे पहले मालेगांव विस्फोट के बाद इस शब्द का उपयोग किया था।भगवा आतंकवाद अौर हिन्दू आतंकवाद में अधिक अंतर नहीं प्रतित होता है। हिन्दूत्व आतंकवाद का भी कभी-कभी हिन्दू आतंकवाद अौर भगवा आतंकवाद की जगह प्रयोग किया जाता है। भारतीय मिडिया में तीनों शब्दों का इस्तमाल होता है। प्रसिद्ध पत्रिका 'आउटलुक' में ही तीनों शब्दों का बारी-बारी से इस्तमाल होता देखा गया है। 'द नैश्नल' के अनुसार कोई भी हिन्दू उग्रवादी द्वारा, मुसलमानों के खिलाफ कोई भी हिंसा की कथित भूमिका को या तो भगवा आतंकवाद या तो हिन्दू आतंकवाद से संबोधित किया जाता है। लेकिन सूभाष गटाडे की किताब-गोडसेज़ चिल्ड्रेन में हिन्दूत्व अौर हिन्दू को अलग बताया गया है अौर वीर सावरकर की किताब हिन्दूत्व में हिन्दू को हिन्दूत्व का एक छोटा सा हिस्सा बताया गया है, इसलिए हिन्दू को हिन्दूत्व से भिन्न बताया गया है।

मुख्य हिन्दू राष्ट्रवादी दल, जैसे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का आरंभ ठीक हिन्दूत्व विचारधारा के आने के बाद शुरू हुआ (हिन्दू विचारधारा की शुरूआत वीर सावरकर द्वारा सन् 1923 में लिखि किताब हिन्दूत्व से हुई, दो साल बाद ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का निर्माण हुआ)। लेकिन भगवा रंग बौद्ध धर्म के लोग भी अपनाते है। इसलिए भगवा आतंकवाद को एक गलत नाम माना जाता है अौर इसलिए हिन्दू आतंकवाद अौर हिन्दूत्व आतंकवाद जैसे नामों को अपनाया जाता है।

भगवा आतंकवाद के सभी बड़े आरोपी अब जेल से बाहरsaffron terror 21 08 2017

सन् 2008 मालेगांव ब्लास्ट मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को ले. कर्नल श्रीकांत पुरोहित को जमानत दे दी। इससे पहले साध्वी प्रज्ञा सिंह और असीमानंद को भी बेल मिल चुकी है। इसके साथ ही देश में भगवा आतंकवाद का आरोप झेलने वाले सभी बड़े नाम अब जेल से बाहर आ चुके हैं।
मक्का मस्जिद धमाके में आरोपी थे स्वामी असीमानंद
स्वामी असीमानंद मक्का मस्जिद धमाके में आरोपी बनाए गए थे। इसी साल मार्च में उन्हें जमानत मिली थी। उन्होंने सात साल कैद में बिताए। 2007 के अजमेर बम धमाके के मामले से जयपुर अदालत के असीमानंद को बरी करने के बाद उन्हें मक्का मस्जिद मामले में हैदराबाद में गिरफ्तार कर लिया गया था। फिलहाल असीमानंद को हैदराबाद से बाहर जाने की अनुमति नहीं है।
मालेगांव ब्लास्ट केस में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को मिल चुकी है बेल
मालेगांव ब्लास्ट केस में बाॅम्बे हाईकोर्ट से साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को जमानत मिल चुकी है। इसके बाद से साध्वी कांग्रेस पर आरोप लगा रहा हैं और कह रही हैं कि भगवा आतंकवाद कांग्रेस की देन है। सबसे पहले पी. चिदंबरम ने भगवा आतंकवाद शब्द का उपयोग किया था। सुनील जोशी हत्याकांड में भी प्रज्ञा ठाकुर को जमानत मिल चुकी है।
9 साल पहले गिरफ्तार हुए थे कर्नल पुरोहित, अब रिहा
ले. कर्नल श्रीकांत पुरोहित को नौ साल बाद जमानत मिल गई। मालेगांव ब्लास्ट मामले कर्नल पुरोहित पर आऱोप था कि उन्होंने धमाके के लिए जरूरी विस्फोटक मुहैया करवाया। पुरोहित ने अभिनव भारत नामक संगठन का गठन किया था। इससे पहले वे सेना में थे।

भाजपा के राज में भगवा आतंकवाद को मिला बढ़ावा

मुस्लिम मजलिस के राष्ट्रीय अध्यक्ष वसी अहमद ने कहा कि केंद्र और प्रदेश में भाजपा की सरकारें सत्तारूढ़ होने के बाद भगवा आतंकवाद का तेजी से प्रसार होे रहा है। केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद से भगवा आतंकवाद देश में सिर उठा रहा था। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद सबका साथ सबका विकास का नारा देने वाली भाजपा ने मुस्लिम विरोधी गतिविधियों की झड़ी लगा दी है। इसीलिए अवैध स्लाटर हाउस और कथित गोरक्षा के नाम पर मुसलमानों को आतंकित किया जा रहा है। यही नहीं, भाजपा की गतिविधियों से दलित वर्ग और पुलिस कर्मी भी अपने को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। 
बिगड़ती कानून व्यवस्था के लिए योगी सरकार के जन विरोधी फैसलों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि सरकार के इशारे पर ही हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ता सड़कों पर कानून अपने हाथ ले रहे हैं और गोरक्षा के नाम पर उत्पीड़न की घटनाओं को लेकर प्रधानमंत्री वाकई गंभीर हैं, तो उन्हें हिंदू युवा वाहिनी को आतंकी संगठन घोषित कर उसे तत्काल प्रतिबंधित करना होगा।

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