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Showing posts from July, 2018

कोलकाता का ऐसा बाजार जहां नुमाइंदगी होती है जिस्म की

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उतनी गिनती भी नही आती, जितने लोग मेरे उपर चढ़ जाते हैं। मेरी चादर के फूल भी शर्म से लाल हो जाती है। बस एक चीज लाल नहीं होती...मेरी मांग! मुझे सोनागाछी में सस्ते पाउडर लिपिस्टिक की पर्तों में छुपी ज़िंदा लाशों का क्रंदन इस क़दर सुनाई देता है। लगता है, जैसे पूरा सोनागाछी एक श्मशान है ,जहाँ हर कदम एक लाश जल रही है या दफ़न हो रही है।  यहाँ लड़की जैसे ही अपनी दैनिक वृत्तियों को लेकर आत्मनिर्भर हो जाती है यानी फौरन औरत बन जाती है। माहवारी शुरू होने के पहले ही उसे ग्राहक को रिझाने औऱ देर तक उसे यौन के संलिप्त रखने के गुर सीख लेना ज़रूरी होता है क्योंकि कच्ची कली के पहली बार खिलने की खुशबू इस क़दर हमारे देश के कामुक पुरुषों को मतवाला करती है। जब यहाँ किसी लड़की का ज़िस्म पहली बार मंडी में उतरता है तो उसके ख़ैरख्वाहों और दलालों को तगड़ी रक़म ग्राहक से मिलती है।  बाक़ायदा लड़कियाँ बॉलीवुड के सस्ते आयटम गानों पर भड़काऊ ढंग से नाचना सीखती हैं। शाम होते ही उनकी नुमाइश शुरू हो जाती है और रात गुजरते हुए ये लड़कियां या अपना जिस्म हारती है या ज़िन्दगी की दौड़ में रोटी हार जाती है। पश्चिम बंगाल...

Dhadak movie review : आगाज वही अंजाम नई

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हम्प्टी शर्मा की दुल्हनिया और बद्रीनाथ की दुल्हनिया फिल्मों का निर्देशन  निर्देशक शशांक खेतान ने   किया है, जिसमें मंझे हुए कलाकार वरुण धवन और आलिया भट्ट काम करते हुए नजर आये। इस बार शशांक ने नए कलाकार ईशान खट्टर और अभिनेत्री श्रीदेवी की बेटी जाह्नवी कपूर के साथ धड़क फिल्म बनायी है। हालांकि यह फिल्म ब्लॉकबस्टर मराठी फिल्म सैराट की ऑफिशियल हिंदी रीमेक है। सैराट फिल्म को पिछले साल 2017 में कन्नड़ और पंजाबी में भी रीमेक किया गया और इस साल इसका हिंदी रूपांतरण रिलीज हो गया है। फिल्म की कहानी उदयपुर से शुरू होती है जहां के रहने वाले रतन सिंह (आशुतोष राणा) बहुत ही दबंग इंसान है और उनकी बेटी पार्थवी सिंह (जाह्नवी कपूर) है। उदयपुर में ही एक रेस्टोरेंट चलाने वाले परिवार का लड़का मधुकर बागला (ईशान खट्टर) है, जो टूरिस्ट गाइड का भी काम करता है। मधुकर और पार्थवी के बीच आंखे मिलती हैं और प्यार हो जाता है जो बात रतन सिंह और उसके बेटे को बिल्कुल भी नहीं पसंद है। जिसकी वजह से कहानी में बहुत सारे ट्विस्ट और टर्न्स आते हैं। कहानी उदयपुर और नागपुर होते हुए कोलकाता पहुंचती है, अंततः क्या होत...