बड़ा मनहूस है ये बंगला, कोई भी मंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया


भूत बंगले के बारे में तो आप सभी ने सुना ही होगा या कई फिल्मों में देखा भी होगा। कोई अदृश्य शक्ति बंगले में किसी को घुसने नही देती है और अगर कोई जाता भी है तो उसे किसी कारणों से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है। यही बात यहाँ भी सिद्ध हो रही है। यह मनहूस बंगला किसी भी मंत्री को उनका कार्यकाल पूरा करने नहीं देता। ऐसे ही बंगले के बारे में आपको बताने जा रहे हैं। यह सरकारी बंगला बिहार की राजधानी पटना में है। जब से मुजफ्फरपुर कांड हुआ है तब से यह बंगला काफी चर्चित हो गया है।

पटना के स्ट्रैंड रोड पर स्थित बंगला नंबर 6 लोगों के बीच अब चर्चा का विषय बन गया है। यह बंगला नीतीश सरकार में समाज कल्याण विभाग की मंत्री कुमारी मंजू वर्मा को आवंटित है। हालांकि उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और अब उन्हें ये बंगला खाली करना होगा। दरअसल, उनके पति के ऊपर मुजफ्फरपुर कांड के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के साथ संबंधों को लेकर आरोप लगा है, जिसके बाद उन्होंने इस्तीफा दिया है।

बंगला नंबर 6 में रहने वाले मंत्रियों के पिछले कुछ सालों के आंकड़ों को देखें तो इस बंगले ने अब तक तीन मंत्रियों को उनका कार्यकाल पूरा किए बिना ही बाहर का रास्ता दिखा दिया है। इस वजह से लोग अब इस बंगले को 'मनहूस' बंगले के तौर पर देखने लगे हैं। इसमें एक बात और गौर करने वाली ये है कि जो तीनों मंत्री इस बंगले में रहते अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके, वो सभी कुशवाहा जाति से संबंध रखते हैं।

2010 से लेकर अब तक के आंकड़ों को देखें तो सबसे पहले इस बंगले में जदयू नेता और तत्कालीन उत्पाद विभाग के मंत्री अवधेश कुशवाहा रहने आए थे। उन्हें मंत्री के तौर पर यह बंगला आवंटित किया गया था, लेकिन अपना कार्यकाल पूरा करने से दो महीने पहले ही अक्टूबर 2015 में वो घूस लेने के मामले में फंस गए और उन्होंने अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा, जिसकी वजह से उन्हें बंगला भी खाली करना पड़ा।

इसके बाद 2015 में विधानसभा चुनाव हुए और महागठबंधन ने जीत हासिल कर सरकार बनाई। जिसके बाद यह बंगला राजद नेता और तत्कालीन सहकारिता मंत्री आलोक मेहता को आवंटित किया गया। लेकिन 18 महीनों के बाद ही महागठबंधन में फूट पड़ गई और जदयू ने महागठबंधन से नाता तोड़कर भाजपा के साथ सरकार बना लिया। इस तरह आलोक मेहता भी इस बंगले में अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके।

तीसरी बार यह बंगला नीतीश सरकार में समाज कल्याण विभाग की मंत्री कुमारी मंजू वर्मा को आवंटित किया गया। यह बंगला उन्हें पिछले साल ही आवंटित किया गया, लेकिन वो भी इस बंगले में रहते अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाईं और उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। 
अब आने वाले दिनों में ये बंगला किसे दिया जाता है या किसे सत्ता की कुर्सी से नीचे गिराती है। अब आने वाले दिन ही बताएंगे।

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