मशहूर गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह का पटना के PMCH में निधन

आज मशहूर गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह का पटना के PMCH में निधन हो गया। 74 साल की ज़िंदगी में 44 साल तक वो मानसिक बीमारी सिजेफ्रेनिया से पीड़ित रहे। कहते हैं शुरुआती सालों में अगर गणितज्ञ की सरकारी उपेक्षा नहीं हुई होती तो आज वशिष्ठ नारायण सिंह का नाम दुनिया के महानतम गणितज्ञों में सबसे ऊपर होता।
Mathematical genius Vashishtha Narayan's life is a tale for mental health  awareness in India- Technology News, Firstpost
वशिष्ठ नारायण सिंह


वशिष्ठ नारायण सिंह एक ऐसे गणितज्ञ थे जिन्होंने कई बार विश्व पटल पर गणितज्ञ का लोहा मनवाया था। इन्होंने ही आंइस्टीन के सापेक्ष सिद्धांत को चुनौती दी थी। उनके बारे में मशहूर है कि नासा में अपोलो की लांचिंग से पहले जब 31 कंप्यूटर कुछ समय के लिए बंद हो गए तो कंप्यूटर ठीक होने पर उनका और कंप्यूटर्स का कैलकुलेशन एक था। 1969 में उन्होंने कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से पीएचडी की और वॉशिंगटन विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर बन गए। नासा में भी उन्होंने काम किया। भारत लौटने के बाद आईआईटी कानपुर, आईआईटी बंबई और आईएसआई कोलकाता में अपनी सेवा दी थी। उन्होंने साईकल वेक्टर स्पेस थ्योरी पर शोध किया।

पिछले दिनों जब पटना के अस्पताल में भर्ती हुए थे तब सभी ने उनके स्वास्थ्य लाभ की कामना की थी। सभी उनसे मिलने भी गए थे लेकिन भूलने की बीमारी के कारण किसी को पहचान नहीं पाए। उनकी एक बात सबसे अलग थी। वे बीमार होते हुए भी बांसुरी(वाद्य यंत्र) का साथ नहीं छोड़ा। उनके निधन से देश को अपूर्णीय क्षति हुई है। महान गणितज्ञ को भावभीनी श्रद्धांजलि।

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