मजलिस का कमान संभालने वाली ओवैसी परिवार की तीसरी पीढ़ी हैं असदुद्दीन ओवैसी


भारत में सबसे चर्चित सांसदों की सूची तैयार होगी तो हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी का नाम भी लिया जायेगा। राजनीति में आने से पहले वह लंदन में कानून की पढ़ाई कर रहे थे। लौटने के बाद वह 2004 में पहली बार हैदराबाद से सांसद बने और अब तक वह चार बार यहां के सांसद रह चुके हैं। जब उन्होंने पार्टी की जिम्मेदारी संभाली तो उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी का एहसास कराने की कोशिश की।
इस एपिसोड में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के बारे में जानने की कोशिश करेंगे। ओवैसी की राजनीति की शुरुआत के बारे में जानने से पहले उनकी उनकी पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के इतिहास के बारे में जानते हैं।

इस पार्टी की शुरुआत के बारे में जानने के लिए आपको लगभग 96 साल पीछे चलना पड़ेगा। साल 1928 में नवाब महमूद नवाज़ खान ने मजलिस की स्थापना की थी। साल 1948 तक उनके पास ही संगठन की कमान रही। भारत की स्वतंत्रता के बाद ये संगठन हैदराबाद को एक अलग मुस्लिम राज्य बनाए रखने की वकालत करते आ रहा था। जब 1948 में हैदराबाद राज्य का भारत में विलय हुआ तब भारत सरकार ने इस संगठन पर प्रतिबंध लगा दिया था। और उस समय इसके अध्यक्ष रहे कासिम राजवी को गिरफ्तार कर लिया गया था। बाद में राजवी पाकिस्तान चले गए थे।

राजवी ने पाकिस्तान जाते समय मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन संगठन की जिम्मेदारी उस समय के मशहूर वकील रहे अब्दुल वहाद ओवैसी को सौंप दी थी। यहीं से मजलिस में ओवैसी परिवार की एंट्री हुई। 1957 में मजलिस को राजनीतिक पार्टी के तौर पर बहाल किया गया और इसके नाम के आगे ऑल इंडिया जोड़ा गया। साथ ही इसके संविधान में भी बदलाव किया गया। अब्दुल वहाद ओवैसी के बाद साल 1976 में पार्टी की जिम्मेदारी उनके बेटे सलाहउद्दीन ओवैसी को सौंपी गई। जो 2004 तक लगातार 6 बार हैदराबाद के सांसद रहे।

अब सलाहउद्दीन ओवैसी के बड़े बेटे असदुद्दीन ओवैसी एआईएमआईएम के अध्यक्ष और हैदराबाद के सांसद हैं। इनका जन्म 13 मई 1969 को हैदराबाद में हुआ था। असदुद्दीन ओवैसी ने हैदराबाद के निजाम कॉलेज (उस्मानिया विश्वविद्यालय) से कला में स्नातक की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उन्होंने लंदन के लिंकन इन से कानून की पढ़ाई की। ओवैसी ने 1994 में चारमीनार निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़कर आंध्र प्रदेश विधान सभा चुनाव से अपनी राजनीतिक शुरुआत की थी। अब वह चार बार के लोकसभा सांसद हैं और पांचवीं बार चुनाव लड़ने के लिए मैदान में हैं। इनके खिलाफ बीजेपी ने माधवी लता और कांग्रेस ने मोहम्मद वलीउल्लाह समीर को टिकट दिया है।

अब ओवैसी की निजी जिंदगी और उनकी उपलब्धि पर आते हैं। असदुद्दीन ओवैसी ने 11 दिसंबर 1996 को फरहीन ओवैसी से शादी की थी। इनके छह बच्चे हैं, एक बेटा जिसका नाम सुल्तानुद्दीन ओवैसी है और पांच बेटियां जिनके नाम खुदसिया ओवैसी, यास्मीन ओवैसी, अमीना ओवैसी, महीन ओवैसी और अतिका ओवैसी है। ओवैसी राजनीति के अलावा हैदराबाद में स्थित ओवैसी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के चेयरमैन भी हैं। भारतीय संसद के 15वें सत्र में उनके प्रदर्शन के लिए उन्हें 2014 में संसद रत्न पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। असदुद्दीन ओवैसी दुनिया के 500 सबसे प्रभावशाली मुसलमानों में भी सूचीबद्ध किया जा चुका है।


असदुद्दीन ओवैसी ने एआईएमआईएम को एक राष्ट्रीय पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वह समय समय पर सरकार के फैसलों के खिलाफ संसद में सवाल जवाब करते नजर आते हैं। इसके चलते विपरीत विचारधारा वाले संगठन अक्सर अपनी आलोचना का शिकार बनाते रहे हैं।

आज के लिए इतना ही, हम आपके लिए और देश के नेताओं की जानकारी लेकर आते रहेंगे।

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