टीपू से सुल्तान बनेंगे अखिलेश यादव? राम मनोहर लोहिया से लेकर मुलायम सिंह यादव की पगड़ी बचाने की है जिम्मेदारी

उत्तर प्रदेश में सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री बनने का ख़िताब अखिलेश यादव के पास है। कन्नौज सीट से चौथी बार नामांकन दाखिल करने वाले अखिलेश यादव ने राम मनोहर लोहिया से लेकर मुलायम सिंह यादव की साख बचाने की जिम्मेदारी ली है। इस सीट पर पहले वह लालू यादव के दामाद तेज प्रताप यादव को उतारा था, बाद में कार्यकर्ताओं के दवाब के कारण खुद चुनाव लड़ने का निर्णय किया।


इस एपिसोड में हम बात करेंगे समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव की। जो अपने चाचा राजपाल के साथ बैठकर स्‍कूल आया जाया करते थे। उन्होंने अपने दोस्त को जीवन साथी बनाया और अब दोनों की दो बेटियां और एक बेटा है।

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव का जन्म एक जुलाई 1973 को इटावा के सैफई में हुआ था। इनके पिता का नाम मुलायम सिंह यादव है जो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। इनकी माता का नाम मालती देवी है। जब अखिलेश का जन्म हुआ तब मुलायम सिंह यादव जन संपर्क के साथ जैन इंटर कॉलेज में लेक्चरर भी थे। अखिलेश के चाचा अभय राम को उनका बचपन अच्‍छे से याद है। वह बताते हैं कि अखिलेश चार साल तक गांव में पले-बढ़े। चार साल बाद अख‍िलेश को इटावा बुला ल‍िया गया।  एक समय ऐसा आया जब उत्तरप्रदेश के हालात बिगड़े तो 1980 में मुलायम सिंह यादव ने अख‍िलेश का स्‍कूल जाना बंद करा द‍िया था। मिलिट्री स्कूल में पढ़ने के दौरान उन्होंने पिता को लिखी चिट्ठी में अपना नाम टीपू और ए यादव लिखा करते थे।

उत्तर प्रदेश के 20वें मुख्यमंत्री और पेशे से इंजीनियर रहे अखिलेश यादव ने अपनी स्कूली शिक्षा इटावा के सेंट मैरी स्कूल से पूरी की। उसके बाद, उन्होंने राजस्थान के धौलपुर मिलिट्री स्कूल में दाखिला ले लिया। उन्होंने मैसूर के श्री जयचामाराजेंद्र कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से सिविल एनवायरनमेंटल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की और फिर सिडनी विश्वविद्यालय में एनवायरमेंट इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री की पढ़ाई के लिए ऑस्ट्रेलिया चले गए।

लखनऊ के रहने के दौरान वह खाली समय दोस्तों के साथ बिताते थे इसी दौरान उनकी मुलाकात डिंपल यादव से हुई थी, जो वर्त्तमान में उनकी पत्नी हैं। डिंपल यादव भी एक पॉलिटिशियन हैं। दोनों की शादी 24 नवंबर 1999 हुई थी। दोनों की दो बेटियां और एक बेटा है। बताया जाता है लालू प्रसाद यादव ने अखिलेश से अपनी बेटी की शादी की बात चलाई थी। वहीं, मुलायम भी बेटे की शादी को लेकर परिवार के दबाव में थे और बेटे की डिंपल से शादी करने की ख्वाहिश को मुलायम ठुकरा नहीं पाए और मान गए। शादी समारोह में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई समेत देश के तीन पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव, वीपी स‍िंह, चंद्रशेखर मौजूद थे।

साल 1999 के लोकसभा चुनाव में मुलायम स‍िंह ने संभल और कन्नौज दो लोकसभा सीटों से चुनाव जीता था। बाद में मुलायम ने कन्‍नौज लोकसभा सीट छोड़ने का फैसला क‍िया। कन्‍नौज लोकसभा सीट के उपचुनाव में कई दावेदार थे। लेकिन आखिर में इस सीट से मुलायम ने बेटे अखिलेश को उम्मीदवार बनाया। 2000 में अखिलेश कन्नौज से पहली बार लोकसभा के सदस्य के रूप में चुने गए और उसके बाद उन्होंने लगातार दो बार लोकसभा चुनाव जीता। 15 मार्च 2012 में अखिलेश यादव 38 साल की उम्र में उत्तर प्रदेश के सबसे युवा मुख्यमंत्री बने थे। इसके बाद उन्हें मई 2019 में आजमगढ़ लोकसभा से संसद सदस्य के रूप में चुना गया था। वे तीन बार लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं।

इस बीच 2017 में पार्टी से श‍िवपाल यादव को साइड लाइन कर द‍िया गया और अख‍िलेश ने पार्टी की बागडोर अपने हाथ में ले ली। इस दौरान समाजवादी पार्टी की कलह मंचों पर आ गई। श‍िवपाल यादव ने समाजवादी पार्टी से अलग होकर अपनी नई प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोह‍िया बना ली। मुलायम स‍िंह यादव की मौत के बाद खाली हुई मैनपुरी सीट पर जब उपचुनाव हुए और ड‍िंपल के साथ अख‍िलेश ने चाचा श‍िवपाल से सुलह कर ली। डिंपल को मैनपुरी सीट से प्रचंड जीत हास‍िल हुई ज‍िसके बाद श‍िवपाल यादव एक बार फ‍िर समाजवादी पार्टी में शाम‍िल हो गए और उन्हें महासचिव का पद दिया गया।

मुख्यमंत्री रहते अखिलेश ने सबसे कम समय में सबसे आधुनिक और सबसे लंबा एक्सप्रेस वे आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे बनाया। उन्होंने यूपी-100 पुलिस सेवा (अब डायल 112), वीमेन पावर लाइन 1090 और 108 एम्बुलेंस सेवा का भी शुभारंभ किया। उनकी उपलब्धियों में लखनऊ मेट्रो रेल, लखनऊ अंतरराष्ट्रीय इकाना क्रिकेट स्टेडियम, जनेश्वर मिश्र पार्क (एशिया का सबसे बड़ा पार्क), जयप्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर, आईटी शहर, लखनऊ-बलिया पूर्वांचल एक्सप्रेस वे शामिल हैं। इसके अलावा, 2012-2015 के बीच उनकी उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 10वीं और 12वीं पास करने वाले छात्रों को 15 लाख से अधिक लैपटॉप वितरित किए।



अब अखिलेश यादव ने कन्नौज की परंपरागत सीट पर एक बार फिर जीत की हुंकार भर दी है। हालांकि, अभी वे मैनपुरी की करहल सीट से विधायक हैं। उन्होंने चौथी बार इस सीट से नामांकन दाखिल किया है।

हम आपके लिए और देश के नेताओं की जानकारी लेकर आते रहेंगे।

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