तहव्वुर राणा की वापसी: क्या 26/11 हमले के पीछे की सच्चाई अब सामने आएगी?
🇮🇳 अमेरिका से प्रत्यर्पण – एक लंबी लड़ाई का नतीजा
🕵️♂️ अब क्या करेगी एनआईए?
⚖️ कोर्ट के आदेश – मेडिकल जांच जरूरी
🛡️ सुरक्षा के विशेष इंतज़ाम
राणा को एनआईए मुख्यालय तक लाने के लिए दिल्ली पुलिस की SWAT टीम और विशेष सुरक्षा बलों का इस्तेमाल किया गया। उसे राजधानी के CGO कॉम्प्लेक्स स्थित एक उच्च सुरक्षा कोठरी में रखा गया है—जहां हर पल उस पर निगरानी रखी जाएगी।
📧 डिजिटल साक्ष्य और साजिश का जाल
एनआईए ने अदालत में बताया कि उनके पास ईमेल, चैट और अन्य डिजिटल साक्ष्य हैं, जो यह साबित करते हैं कि राणा सिर्फ एक सहयोगी नहीं बल्कि एक साज़िशकर्ता भी था। उसने पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर इस हमले की प्लानिंग की थी।
⚖️ वकीलों की बात – निष्पक्ष न्याय की उम्मीद
राणा के वकील, जो दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSA) से नियुक्त हैं, ने अपील की है कि इस केस को कानून के दायरे में रहकर देखा जाए। उनका कहना है कि वकीलों के खिलाफ किसी भी तरह का सार्वजनिक आक्रोश न्याय प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है।
🔍 क्या यह पूछताछ खोलेगी नए राज़?
अब सवाल ये उठता है—क्या तहव्वुर राणा जांच में सहयोग करेगा? क्या उसकी गवाही या बयान केस की दिशा बदल देंगे? क्या यह भारत की सुरक्षा नीतियों को और मज़बूत करने की दिशा में नया अध्याय साबित होगा?
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