स्वच्छ भारत नहीं स्वच्छ मानसिकता अभियान चलायें।

आज हमारा देश बहुत तरक्की कर गया है, भारत के पास वह सबकुछ है जो एक देश के लिए उपयुक्त होना चाहिए। देश की जनता भी देश की तरक्की के लिए सरकार के साथ कदम से कदम मिला कर चल रही है और अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। जैसे हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए नोट बंदी में देश के लोगों ने काफी कष्ट झेला किन्तु बिना एक शब्द कहे वे देश के बदलाव में एकसाथ खड़े दिखाई दिये, वैसे ही स्वच्छ भारत अभियान में पुरे देशवासी एकजुट होकर इस इस कार्यक्रम को सफल बनाया। लेकिन एक बात जहन में आती है कि सभी अभियान को सफल बनाने के समय में कुछ ऐसी घटनाएँ घटित हुई जो राष्ट्र के लिए अशोभनीय साबित हुई। प्रत्येक दिन कहीं न कहीं रेप हुए, लड़कियों की इज्जत को सरेआम उछाला गया। हाल ही बेंगलुरु में हुए घटना ने काफी लोगों को सोंचने पर मजबुर के दिया। यह कुछ और नही इंसान की मानसिकता है जो अपनी बहन-बेटी को घर की लक्ष्मी और दूसरे की बहन-बेटी को पैर की जूती समझ कर जहां चाहे उसकी इज्जत सरेआम निलाम करने को सोंचते हैं। यह कैसी सोंच है हमारी जो हम महिलाओं को हवस की निगाहों से देखते हैं। पहले लोग महिलाओं को देव...